कडक, जो यादवाल की भाषा में एक विशेष शब्द है, अपनी स्तिथित्व को लेकर बड़े प्रयोग में आता है। यह शब्द अक्सर भगवान के साथ इस्तेमाल होता है, जैसे "कड्कपूजन" या "कड्कमंगल" जैसे वाक्यों में।
??सके अलावा,
क??क पौर?
??ण???क शास्त्?
?ो?? में भी विशिष्ट रूप लेता है। उदाहरण के लिए, ऋग्वेद में एक सूक्ति "कड्क रत्न" है, जिसमें भगवान को उसके देवताओं के साथ जोड़?
? ज???ता है। यह सूक्ति शांतिपूर्ण और प्रेरणार्थी भावना को दर्शाती है।
??डक विभाजन संस्कृति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें से एक उदाहरण "कडक-भेद" है, जो पौर?
??ण???क साहित्य में एक विशेष रीति है। इस रीति में, भगवान और उनके भक्तों के बीच एक असामान्य
क??र्बन मान?
? ज???ता है।
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?ो?? और शस्त्?
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? ज???ता है। उदाहरण के लिए, वेदों में "कड्क पाश" या "कड्क धूल" जैसे शब्द हैं, जो अस्त्?
?ो?? के बारे में सुझाव देते हैं।
??डक संस्कृति और व्यakarana की दुनिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस शब्द को सट्ट-गतिविधि, जासूसी, या प्रहरी के लिए भी उपयोग
क??य?
? ज???ता है। उदाहरण के लिए, "कडक रत्न" या "कडक चाल" जैसे वाक्यों में, जो सट्ट-गतिविधि के बारे में सुझाव देते हैं।
??न सभी अर्थों में,
क??क एक है। यह शब्द विभिन्न संदर्भों और संस्कृतियों में अपनी पहचान बना चुका है। इस लिए, यह शब्द को अधिक जाना और इसके विविध उपयोगों को समझाना महत्वपूर्ण है।